जाने उसको कैसे मालूम
हुआ के याद उसकी ही आई है
ख्वाबों मे आकर उस ने
एक बात जो बताई है
लाख जुदा हो अनजाना सा
क्यूँ ना सफर हो अपना ..
नाम से उसके फिर भी क्यूँ
"सुनिल" तेरी आंखें भर आई है
---- सुनिल श्रीगौड
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