कौन देता है यहा साथ ताउम्र किसी का
बाद मतलब दिलासा, साथ जिन्दगी का
सितम करते है, दिखावा कर बातों का
झूठा कितना रिश्ता उनका अहसासों का
जुल्म करते है, दिखावा कर महताब का
उन्हें कहा इल्म है,अहसासों की तलब का
---- सुनिल शांडिल्य
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