Sunday, May 2, 2021

 अब तो जीवन की राहें भी महकती हैं

जब से साथ तेरा पाया है


तुमसे मिल के मंज़िल की तमन्ना ना रही

रास्तों का लुत्फ हमने उठाया है


दिल जो भटका कड़ी धूप में तो एहसास हुआ

सबसे हसीं तेरी ज़ुल्फ़ों का साया है


अब चढ़े दिल पे तेरे रंग हैं

जब से तुम मेरे हम_संग_हैं


---- सुनिल शांडिल्य

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