Friday, May 21, 2021

 किरदार अपना हमको भी बतला दो

लिफाफे गम और खुशियों के खोल दो


गुजरता नही वक़्त अब यू  गुजारने से

शहद थोड़ा रूहे-अहसासों का मिला दो


सितमगर बन कहर_ए_सितम ढा दो

कहर अहसासों का तुम कुछ यूं बरसा दो


भूल जाये दुनिया इस कदर अपना बना लो

या फ़ना कर सांसो को मेरी हस्ती ही मिटा दो


---- सुनिल शांडिल्य

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