Sunday, May 23, 2021

 जीवन को मेरे तूने महकाया है ऐसे,

खुशबू से गुलिस्तां महकता हो जैसे।


हर जन्म रहे साथ बस तेरा,

सागर में पानी रहता हो जैसे।


बांहों में भर कर आगोश में ले लो,

सीप में मोती रमता हो जैसे।


छुपा लो दिल के किसी कोने में,

आँखों में कोई ख्वाब बसता हो जैसे।


---- सुनिल शांडिल्य

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