Sunday, May 9, 2021

 मोहब्बत की हवा दिल 

की दवा बन गई


दूरी आपकी मेरी चाहत 

की सजा बन गई


कैसे भूलूँ  ऐक पल के लिए तुम्हें

याद ही मेरे जीने की वजह बन गई


गर इंतज़ार ही लिखा है जिंदगी में

तो यही मेरी सज़ा बन गयी 


---- सुनिल शांडिल्य

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