Saturday, July 24, 2021

 जिसमें एक

दूजे को..... 

देखें ऐसा दर्पण चाहिए  ;


चाहने वालों

को यहां..... 

साँसों का अर्पण चाहिए  ;


प्रेम की होती

है भाषा..... 

बड़ी सीधी और बडी सरल  ;


प्रेम मे तन

का नहीं..... 

प्रिये मन का समर्पण चाहिए  ;


---- सुनिल शांडिल्य

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