Thursday, August 12, 2021

 कल्पनाओं से

तुम को लिखता हूँ

शब्द शब्द अक्स

तेरा नजर आए


शब्द-पुष्पों को भावों

का नैवेद्य बना

अर्पित तुम को मैं करूँ.! 


उस शब्द-माला

के हर शब्द मे तेरी

मुस्कुराती

तस्वीर मुझे दिखाई दे


सुन ~

मेरी कविता की

धक धक

आत्मा है तू 


---- सुनिल #शांडिल्य

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