कल्पनाओं से
तुम को लिखता हूँ
शब्द शब्द अक्स
तेरा नजर आए
शब्द-पुष्पों को भावों
का नैवेद्य बना
अर्पित तुम को मैं करूँ.!
उस शब्द-माला
के हर शब्द मे तेरी
मुस्कुराती
तस्वीर मुझे दिखाई दे
सुन ~
मेरी कविता की
धक धक
आत्मा है तू
---- सुनिल #शांडिल्य
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