दबा कर रखो चिंगारी दिल की
सरेआम न कर यू आग दिल की
सुलगने दे आग छलनी दिल की
दबा कर रख तू हर बात दिल की
समझता कौन बाते जज्बातों की
आहट होने दे तू पहले तूफानों की
उठेगा तूफान होगी बात जुबां की
पूरी होगी फिर हर बात वो दिल की
---- सुनिल #शांडिल्य
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