Friday, October 1, 2021

 मिली थी कल मुझे वो ..

थी मुकम्मल गजल सी वो


कह बैठी ,

सुनो ...


मैं भी तुमसा 

लिखना चाहती हूं ,


दर्द को पीकर

कैसे लिखते हो ?


तुम प्रेम से भरी 

ये कविताएं ..


जरा मुझे सिखाओ ना ,

मैं भी लिखना चाहती हूं ..


दर्द को दफन कर

प्रेम से भरी कविताएं ।। 


---- सुनिल #शांडिल्य

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