तोड़ कर जंजीरें भी फिर वो चला जायेगा
जिसे अहसास नही वो रिश्ता क्या निभाएगा
जो मतलब से जुड़ा, मतलब से ही आयेगा
गर दिल से जो जुड़ा होगा कही नही जायेगा
बेपीर दिल की पीर कोई क्या समझ पायेगा
जो समझ गया वो रिश्ता दूर रह भी निभाएगा
---- सुनिल #शांडिल्य
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