Tuesday, November 16, 2021

 तोड़ कर जंजीरें भी फिर वो चला जायेगा

जिसे अहसास नही वो रिश्ता क्या निभाएगा


जो मतलब से जुड़ा, मतलब से ही आयेगा

गर दिल से जो जुड़ा होगा कही नही जायेगा


बेपीर दिल की पीर कोई क्या समझ पायेगा

जो समझ गया वो रिश्ता दूर रह भी निभाएगा


---- सुनिल #शांडिल्य

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