Friday, November 12, 2021

 मन की डोर, आकाश का छोर

उनसे गहरी है, समाधि की डोर


जिन्दगी पल, दो साँसों की डोर

अमृत बरसेगा संग प्यार की डोर


अहम जड़, का नही कोई छोर

सरस, विरल मन अमृत सी डोर


मिलन-मिलाप मधुर प्रेम की डोर

अहम क्या जाने स्नेह-प्रेम की डोर


विरह देकर मिले न स्नेह की डोर

भरोसा खरा, आनन्दमय की डोर 


---- सुनिल #शांडिल्य

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