Thursday, February 10, 2022

 गम मेरे महंगे थे खरीदा किसी ने नही

टूटा मेरा दिल पर दिखा किसी को नही


मैं टूटता तारा हूं शबनम की रात का

अर्श पर गिरा पर चूमा किसी ने नहीं


मयखाने की जाम में घोल कर यादों को

पीता हूं सुबह शाम पर बहका कभी नही


रोज दिल मे मेरे मेहमान आते नए नए

तोड़ा सबने दिल मेरा चाहा किसी ने नही 


---- सुनिल #शांडिल्य

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