Saturday, February 26, 2022

 .. इक ...

...अकेलापन है.!

जिस में बस

मैं हूं.!!

:

कुछ शब्द है

कुछ अहसास हैं

:

अधूरी कविताएं हैं

 अधूरी ख्वाहिशों की

...डायरी है.!

:

जिसमें मेरी

खामोश कविताएं है.!!

:

और तन्हा मैं ..

:

तन्हा हां बेहद तन्हा

झूठी मुस्कान के साथ

:

"मैं और मेरी तन्हाई"


---- सुनिल #शांडिल्य

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