.. इक ...
...अकेलापन है.!
जिस में बस
मैं हूं.!!
:
कुछ शब्द है
कुछ अहसास हैं
:
अधूरी कविताएं हैं
अधूरी ख्वाहिशों की
...डायरी है.!
:
जिसमें मेरी
खामोश कविताएं है.!!
:
और तन्हा मैं ..
:
तन्हा हां बेहद तन्हा
झूठी मुस्कान के साथ
:
"मैं और मेरी तन्हाई"
---- सुनिल #शांडिल्य
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