Friday, March 11, 2022

 वो इश्क इश्क ही क्या ?

जो यार को खुश भी न देख सके

यार की सलामती भी न मना सके


हम थे अकेले अकेले ही रह जाएंगे

यकीन रखना,तुम्हें कभी न भूल पाएंगे


आज फिर इन आंखों में नमी है

अरे यार ये आंसू नहीं बस पानी है


क्या करूं मैं दिल से सोचता हूं

नादान हूं नादान ही रहना चाहता हूं


---- सुनिल #शांडिल्य

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