जाने किस नजर से देखा उसने
जैसे मुझे देखा ही नहीं हो उसने ।
मुझे देख कर जाने कहां खोई खोई है
मुझसे पर कुछ कहना चाहा नही उसने ।
कैसे तार छेडूं मैं अपने दिल का
मेरे प्रेम का गीत सुना नही उसने ।
फूल सुख कर बगिया में मुरझा रहे हैं
आंचल मेरे चेहरे पे लहराया नही उसने ।।
---- सुनिल #शांडिल्य
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