तुम सुंदर हो
मगरूर हो गई
तुम नशा हो
मदहोश मुझे कर गई
तुम सावन हो
बारिश बनकर बरस गई
तुम चांद हो
ठुमक कर चांदनी बिखेर गई
तुम लौंगकली
दांतों तले होठ दबाती हुई मचल गई
तुम गजगामिनी
हिचकोले खिलाने कमर को लग गई
तुम जालिम हो
तरसाने मुझे लग गई
और मैं मासूम ........😌😑
---- सुनिल #शांडिल्य
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