Sunday, June 12, 2022

 तुम सुंदर हो

मगरूर हो गई


तुम नशा हो

मदहोश मुझे कर गई


तुम सावन हो

बारिश बनकर बरस गई


तुम चांद हो

ठुमक कर चांदनी बिखेर गई


तुम लौंगकली

दांतों तले होठ दबाती हुई मचल गई


तुम गजगामिनी 

हिचकोले खिलाने कमर को लग गई


तुम जालिम हो

तरसाने मुझे लग गई


और मैं मासूम ........😌😑


---- सुनिल #शांडिल्य

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