हो ख़ुशी मेरी ज़िन्दगी हो तुम!
इश्क़ जिससे मुझे वही हो तुम!
ख़ूबसूरत हो इक कली हो तुम!
सुब्ह की धूप सी खिली हो तुम!
हमने किस्सों में जो सुना था वही,
हूबहू ख़्वाब की परी हो तुम!
हिचकियां देर तक मुझे आईं,
क्या मुझे सोचती रही हो तुम!
---- सुनिल #शांडिल्य
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