Tuesday, August 16, 2022

 निभाना रिश्तों को भी

आसान_कहाँ होता है


क़भी दर्द को पीना पड़ता है

कभी ग़म में रोना पड़ता है


लाख़ हो नफ़रत दिल में

फ़िर भी लफ़्ज़ों को तो सीना पड़ता है


क़भी मुस्कान के पीछे का दर्द

तो कभी दर्द के पीछे मुस्कान


हर मर्ज़ को परखना पड़ता है

हर फ़र्ज़ को करना पड़ता है


---- सुनिल #शांडिल्य

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