Thursday, August 18, 2022

 सुकून का पर्यायवाची शब्द हो तुम ..

आंखे बंद करूं तो महसूस होती मुझे तुम


बिल्लौरी सी आंखों से मुझे निहारती हो तुम

पास आकर सीने से लगा लेती हो तुम


हौले से मेरे सर को  चूमकर कहती हो तुम

सुनिल उठो मैं आ गई


मेरे सर को अपनी गोद में रखती हो तुम

और गालों पे गाल रखकर कहती हो तुम


सो जाओ ..मैं तुम्हारे साथ हूं हमेशा ..

जहां तक हो सकेगा कब तक ? वादा नही करती


क्यूंकि वादे तो टूटने के लिए होते हैं ना

सीने से लगाकर भरोसा देती हो तुम


---- सुनिल #शांडिल्य

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