तेरी प्रीत ने करम इतना कर दिया
मुझे हर गम से जुदा कर दिया
जिससे सारा जहाँ खुशनुमा दिखे
रंग आँखों की पुतलियों सुनहरा कर दिया
तेरे पहलू में कहीं गुम सा हो जाऊं मैं
बाहों का दायरा तुमने बड़ा कर दिया
----- सुनिल श्रीगौड
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