Sunday, November 20, 2022

है प्यार में यह मुस्कुराती जिन्दगी 
है साथ तेरे खिलखिलाती जिन्दगी ।

शामो सहर सोचा तुझे कर याद जो 
है ख़्वाब में भी झिलमिलाती जिन्दगी ।

रहमत रहे एहसास में तेरी खुदा 
कुर्बत रहे तो गुनगुनाती जिन्दगी ।

एहसान तेरा है मुझे हरपल घड़ी 
है बन्दगी की शाम अपनी जिन्दगी ।

~~~ सुनिल #शांडिल्य

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