है प्यार में यह मुस्कुराती जिन्दगी
है साथ तेरे खिलखिलाती जिन्दगी ।
शामो सहर सोचा तुझे कर याद जो
है ख़्वाब में भी झिलमिलाती जिन्दगी ।
रहमत रहे एहसास में तेरी खुदा
कुर्बत रहे तो गुनगुनाती जिन्दगी ।
एहसान तेरा है मुझे हरपल घड़ी
है बन्दगी की शाम अपनी जिन्दगी ।
~~~ सुनिल #शांडिल्य
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