रातें गमगीन हैं दिन बिना रौशनी
इल्तिजा आखिरी बस तेरा साथ हो!
यूँ तो जीने को है जिंदगी भी बहुत
ख्वाहिशें कह रहीं हाथ में हाथ हो
बनके आसीर सा मैं पड़ा अन्ज पर
भर लो आगोश में साँस भी साथ हो
एक फरमान है दिल में अरमान है
मैं जहाँ भी रहूँ तू मेरे साथ हो
---- सुनिल #शांडिल्य
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