तुम सुबह की चाय की तलब से हुये
इलायची की खुशबू अदरक के जायके से हुये
पानी और दूध एक हो जाता है जैसे
इक दूजे में हम यूँ हीं घुले मिले से हुये
रंग गहरा हो जैसे पत्ती का
हम अपनी चाहत के रंग से गहरे हुये
यूँ आ गयी शक्कर की मिठास जिंदगी में
जैसे इश्क की चाशनी में हम डूबे हुये
~~~ सुनिल #शांडिल्य
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