Wednesday, November 23, 2022

तुम सुबह की चाय की तलब से हुये
इलायची की खुशबू अदरक के जायके से हुये 

पानी और दूध एक हो जाता है जैसे 
इक दूजे में हम यूँ हीं घुले मिले से हुये

रंग गहरा हो जैसे पत्ती का
हम अपनी चाहत के रंग से गहरे हुये

यूँ आ गयी शक्कर की मिठास जिंदगी में
जैसे इश्क की चाशनी में हम डूबे हुये

~~~ सुनिल #शांडिल्य

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