अपनी प्यारी आँखों मे छुपालो मुझको!!
मोहब्बत तुम से हैं चुरालो मुझको!!
धूप हो या सेहरा तेरे साथ चलेंगे हम
यक़ीन ना हो तो आज़मा लो मुझ को
तेरे हर दुख को सह लेंगे हंस के हम
अपने वजूद की चादर बना लो मुझको
ज़िंदगी भी तेरे नाम कर दी है हमने
बस चंद लम्हे सीने से लगा लो मुझको
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment