Friday, December 23, 2022

मन पर हावी हुआ विचार 
कहाँ है जीवन का आर-पार? 
सोचा फिर! 
जहाँ कहीं पर है जीवन 
होगा फिर उसका मरण 
जीवन है मृत्यु की छाया 
और मृत्यु का है जीवन! 

जीवन_मरण है जहाँ पर 
उसको जानो तुम संसार 
इसका न कोई आर-पार 
भटके जीव यहाँ बार-बार 
जहाँ से चला वहीं फिर पहुँचा 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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