Tuesday, January 3, 2023

समझदार आंखें देख 
समझ जाते हैं बात दिल की
बगीचा में फूल की मुरझने की सबब 
बागबान को हो जाता है,
रास्ते में आनेवाली तूफान की भनक 
निगहबान को हो जाता है।
पढ़ने वाले निगाहों से पढ़ लेते हैं की 
कब अपनों पे क्या बीती
वैसे दिल के दर्द का सैलाब निगाहों से 
कद्रदान को हो जाता है।
जमी है गुबार जिनके चेहरे पे 
जिंदगी भर मिली नाकामियों की
उनकी चेहरे की पहचान फौरन 
पाखी इंसान को हो जाता है।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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