दूर हो, मगर पास हो तुम
देखता रहूं, हर पल तुम्हें
बुझे नहीं, वो प्यास हो तुम
मिलती है यूं तो, सूरतें हजारों
तुम सा नहीं, खास हो तुम
रहते हो, मेरे दिल में तुम
तुम ही धड़कन, श्वास हो तुम
हर रात, रहते ख्वाबों में तुम
मेरी सुबह की, आस हो तुम
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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