Monday, February 27, 2023

लो आसमान सी फैल उठीं
वो नीली आँखें...
लो उमड़ पड़ीं सागर सी 
वो भीगी आँखें...
मेघश्याम सी घनी-घनी
वो कारी आँखें...
मधुशाला सी भरी-भरी 
वो भारी आँखें...
एक भरे पैमाने सी जब 
छलकी आँखें...
दिल मानो थम सा गया 
लेकिन धड़कीं आँखें...
ओस में डूबी झील सरीखी
वो नम सी आँखें...

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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