खुदा किसी के नसीब में,इंतजार ना लिखें
इस आलम में,किसी को सुख चैन ना दिखे
जिसको मिल जाए,यह इंतजार का तोहफा
उसे फिर हर,अनमोल तोहफा बेकार दिखे
हर पल आंखों में,रहता है कुछ नशा सा
हर पल दिल रहता है,कुछ खोया सा
लगता है कि अब आया है,कोई यहां से
अगले ही पल नहीं,दिखता कोई कही से
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment