तूफान खड़ा था उस तट पर
एक कोमल सी लहर
बिछी थी
सागर के हृदय पर,
चलो शून्य से
शुरू करते हैं हम
जो भूला उसको जाने दो
याद रहा उसको भी
रहने दो,
ये दौर झंझावातों का है
मैं थाम लूंगा तुम्हारा हाथ
हवाओं के वेग में,
तुम भी मत छोड़ना
अंगुली मेरी
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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