Thursday, April 20, 2023

एक उदास सा 
तूफान खड़ा था उस तट पर 
एक कोमल सी लहर 
बिछी थी
सागर के हृदय पर,
चलो शून्य से 
शुरू करते हैं हम 
जो भूला उसको जाने दो 
याद रहा उसको भी
रहने दो,
ये दौर झंझावातों का है
मैं थाम लूंगा तुम्हारा हाथ 
हवाओं के वेग में,
तुम भी मत छोड़ना 
अंगुली मेरी 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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