Sunday, April 2, 2023

 ओ यामिनी सुन!
संग_तुम मेरे आज जगना,
मैं निहारूँ चाँद को जब,
तुम प्रणय रस घोल रखना।

चाँद हो जाए न ओझल,
नैन से मेरे सुनो !तुम,
संग_तुम झूमना मेरे
रागिनी गाकर सुनाना।

चाँद में छवि है प्रिये !की
देख लूँ मैं आज जी भर
तुम न अलसाना निशा री!
आज आना अद्य अँगना।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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