Monday, May 1, 2023

कलम आज मुझसे सवाल करती है
कमबख्त मेरे दिल का हाल लिखती है

कहता हूं इसे तू सिर्फ इश्क लिखा कर
पर ये हंसी के पीछे का दर्द लिखती है

कहता हूं छुपा लो एहसासों को तुम
पर रात जो अश्क बहे वो लिख देती है

जर्रा जर्रा आंखों का हाल लिखती है
मेरे रोते दिल का अफसाना लिखती है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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