Thursday, June 15, 2023
सदा शीतल हृदय में ही खुशी का साज बजता है
नयन के नीर से ही मेघ निज संसार रचता है
कि मोती बूँद बन झरता सलिल जब व्योम के घट से
उमंगित हो धरा के तन हरित परिधान सजता है
मिटाकर द्वेष के क्षण को मधुर मुस्कान धरते है
बिछा कर फूल राहों में सदा सम्मान करते है
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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