Monday, June 19, 2023

हर आहट पर चौंक जाती है नज़र
देख सामने तुझे आश्वस्त होता है मन
फिर भी क्यों न मिला पाते नयन
हंसता रहता हूं हरदम तेरे सामने
क्या समझ पाओगी इसका मायने
मेरी अधीर आंखें हरपल यह देखती है
आपकी मासूम आंखें
कुछ खोजती सी रहती है
पर हर बात कही नहीं जाती
कुछ बातें अनकही ही रह जाती है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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