Tuesday, June 20, 2023
तुम मुझ मे हो ऐसे जैसे ,
हवा का होना बादलों के संग
रजनी का हो भोर से मिलन
हो रूठो मे अपनों सा मान
नदी का लहरों से संगम
सावन मे हरियाली का रंग
जीवन का मृत्यु से बंधन
ऐसे ही कुछ मुझ मे है प्रिये तू
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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