Friday, June 23, 2023

हो अँधेरा दूर मेरा, बस वही प्रभु कीजिए
जप सकूँ शुभ नाम हरि का,ज्ञान ऐसा दीजिए
झूँठ के हर दंभसे प्रभु,दूर हमको कीजिए
जप सकूँ शुभ नाम हरि का,ज्ञान ऐसा दीजिए
छा रहा है जो तिमिर इस,मोह रूपी ज्ञान का
ले रहा है रूप देखो,बस वही अभिमान का
दूर हो अभिमान मेरा,तुम इसे हर लीजिए
जप सकूँ शुभ नाम हरि का,ज्ञान ऐसा दीजिए।
दंभ छल पाखण्ड फैला,देखिए चहुँओर है
हर गली में आज देखो,नाचता इक मोर है
हो रहा भ्रम जो यहाँ पर,दूर प्रभु जी कीजिए
गिर गया हूँ राह में कब,याद ये आता नहीं
झूँठ से है जो दिखावा,मोह भी जाता नहीं
हूँ अगर बेहोश तो प्रभु,होश का कुछ कीजिए

#$h@πd!£y@

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