Saturday, June 24, 2023

तुम्हारी बात से निकलेगी  कोई बात लिख दूँगा
जरा नज़रें मिलाना तो मैं हर ज़ज्बात लिख दूँगा

तुम्हारी मुस्कराहट के यूँ ही बिखरे रहें जुगनू
मुझे फिर क्या डराएगी ये काली रात लिख दूँगा

मैं लिख दूँगा बहाने रोज जीने के निगाहों से
मैं हँसते-हँसते मिटने के नए अंदाज़ लिख दूँगा!

#$h@πd!£y@

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