कभी खुशी तो कभी गम लिए होता है
देने वाले को पहले से सब पता होता है
फिर भी क्यो वो बना अनजान रहता है
छुपा गम हो तो मरहम वो खुद होता है
फिर भी दूरिया बना के नश्तर चुबोता है
छपी गर खुशी हो ढिंढोरा वही करता है
सुख में सब साथ दुख में कोई न होता है
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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