Thursday, June 29, 2023

इक अश्क सवाल हज़ार लिए होता है
कभी खुशी तो कभी गम लिए होता है

देने वाले को पहले से सब पता होता है
फिर भी क्यो वो बना अनजान रहता है

छुपा गम हो तो मरहम वो खुद होता है
फिर भी दूरिया बना के नश्तर चुबोता है

छपी गर खुशी हो ढिंढोरा वही करता है
सुख में सब साथ दुख में कोई न होता है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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