धो ले, साफ़ सफाई करले
दिलकश नई रंगाई करले
दिल के आंगन सजा रंगोली
फिर से सजी-सजाई कर ले
अपने अंदर के कमरों में
भरा रह गया अंधकार तो
करले दिल की दुनिया रोशन
खुद में ज्योत जलाई कर ले
दीप जले अपने अंदर जब
सब संशय मिट जाते हैं
उजियारी सोचों की खुद में
खुद ही उगा, उगाईं कर ले
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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