चांद भी तन्हा
रात है
तन्हाई है
बिखरे पन्ने है
सिमटे से जज्बात है
अधूरी ख्वाहिशें साथ है
तारों से सजी अंधेरी रात
काला आसमां
चीखता मौन
देखना,
आज कुछ लिखूंगा
पन्नो पर तुझे उकेरूंगा
अश्कों संग तुझे लिखूंगा
मिलन के पल लिखूंगा
विरह के क्षण लिखूंगा
हां..
बस तुझे लिखूंगा
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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