Thursday, November 2, 2023

मै दीप अगर, तू बाती है
बिन तेरे, जीवन में ज्योति क्या? 
मै सीप अगर, तू मोती है
बिन तेरे, मै बन सकता क्या?

मै नदी अगर, तू लहर मेरी
तुम बिन, बेड़ा पार कहा
मै गांव अगर, तू गालियां है
तुझ बिन, मंजिल मेरी पार कहा

मै सूरज अगर, तू किरणे है
बिन तेरे, दिन की शुरुआत कहा
मै चांद अगर, तू चांदनी है
तुझ बिन मुझमें शीतलता कहा

मै फूल अगर, तू मधुमक्खी
तुम बिन जीवन में मधु कहा
तू नदी अगर, मैं सागर हूं 
बिन मिले तुझे, मेरा मकसद क्या

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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