Friday, November 10, 2023
गजल न कोई लिखता हूँ
न कोई गीत मैं गाता हूं
नहीं आता है छंद मुझको
न कोई कविता मुझे आती है
मुझको तो बस तू भाती है
मैं तुझको ही लिख जाता हूं
जोड़ कर मैं चार शब्दों को
उन शब्दों में तुझे पिरो देता हूं !
~~~~ $h@πd!£y@
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