Saturday, March 2, 2024

दीपक जले भवन में, रहे पतंगा बन में
प्रीत खिच कर लायी उसे जलाया क्षण मैं

जलन का उसे कहाँ था होश
प्यार का चढ़ा हुआ था जोश

गा रही दुनियाँ जिसके गीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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