Monday, March 4, 2024

तुम्हारेे याद की आहट कोई किस्सा बताती है
ये घुलकर साँस में मेरी नई दुनिया सजाती है

तुम्हारी याद ही शायद है वो दीवार, सूनी सी
जहाँ कुछ अक्स दिखते हैं जहाँ परियाँ नहाती हैं

तुम्हारी याद की ख़ुशबू से मेरी आरज़ू महके
महकती है मेरी धड़कन, ये धड़कन भी सुनाती है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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