Saturday, May 18, 2024

बीते हुए लम्हों की कसक अब तलक प्राणों में है।
उन हालात की ख़ुशबू मेरी सांसो मे है 

धड़कनों की रागिनी में एक लम्हा बज उठा।
एक लम्हा आज तक बातों मे है ख़यालातों मे है।

जो गुज़र जाताहै लम्हा  लौट कर आता नहीं.।
इसलिये इक इक पल का संचय किया यादों मे है।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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