हँसी ख्वाब आँखों में आने की रातें
कोई गीत फिर गुनगुनाने की रातें
कभी रूठ कर फिर मनाने की रातें
तुम्हें अपने दिल में सजाने की रातें
जमाने की नजरों से बचते रहे हम
वही राज सबसे छुपाने की रातें
किसी रोज मिलने बुलाया अकेले
मुहब्बत में ये आजमाने की रातें
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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