Friday, June 21, 2024

हँसी ख्वाब आँखों में आने की रातें
कोई गीत फिर गुनगुनाने की रातें

कभी रूठ कर फिर मनाने की रातें
तुम्हें अपने दिल में सजाने की रातें

जमाने की नजरों से बचते रहे हम
वही राज सबसे छुपाने की रातें

किसी रोज मिलने बुलाया अकेले
मुहब्बत में ये आजमाने की रातें 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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