नज़र को नज़र से मिलने तो देते।
मुहब्बत की शम्मा तुम जलने तो देते।।
ए कैसा कहर तुमने ढाया है मुझपर।
दिल को तुम दिल से मिलने तो देते।।
ए सोहरत ए दौलत नहीं देखी जाती।
निगाहें करम तुम गर करने तो देते।।
है नज़रें मिलाना बस तुमसे है साकी।
मयखाने में आने औ मिलने तो दे देते।।
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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