Sunday, September 22, 2024

वो सिंदूरी संध्या 
और साथ तेरा

नदी के इस छोर मैं 
उस पार तेरा बसेरा

रवि की डूबती किरणें 
ह्रदयँ में इश्क़ का सवेरा

जल में तैरती नईया 
लहरें करें मिलन तेरा-मेरा

मिलें राहत ऐसी शाम में
चाँद जलें देख इश्क़ मेरा

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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