एकजुटता से बढ़ती एकता
प्यार बढ़ता साझा करनेसे
परवाह से बढ़ती एकरूपता
छू ना पायेगा कोमल हृदय
किसीके भी कठोर शब्द
छू जाएंगे कठोर हृदयभी
हँसमुख तेरे कोमल शब्द
पढ़सकते हो तो दर्द पढ़ना
किसीके भी दिलके भीतर
शान्त सा दिखने वाला लगे
कितने दर्द समेट रखे हमने
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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